Sayri345
वफ़ा के शीशमहल में सजा लिया मैनें,
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैनें,
ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई,
गमों की ओट में खुद को छुपा लिया मैनें,
कभी न ख़त्म किया मैंने रोशनी का मुहाज़,
अगर चिराग बुझा तो दिल जला लिया मैनें,
कमाल ये है कि जो दुश्मन पे चलाना था,
वो तीर अपने ही कलेजे पे खा लिया मैने!!!
वो एक दिल जिसे पत्थर बना लिया मैनें,
ये सोच कर कि न हो ताक में ख़ुशी कोई,
गमों की ओट में खुद को छुपा लिया मैनें,
कभी न ख़त्म किया मैंने रोशनी का मुहाज़,
अगर चिराग बुझा तो दिल जला लिया मैनें,
कमाल ये है कि जो दुश्मन पे चलाना था,
वो तीर अपने ही कलेजे पे खा लिया मैने!!!
Comments
Post a Comment